सिद्धू ने दिया BJP को झटका, कहा नहीं ढो सकता PM मोदी का बोझ

Navjot Singh Sidhu and his wife
बीजेपी सांसद और मशहूर क्रिकेटर एंव कमेंटेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्यसभा से इस्तीफा देकर बीजेपी को आज एक करारा झटका दिया है। बीजेपी सांसद नवजोत सिंह सिद्धू ने दिया है। राज्यसभा के सभापति ने सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
उन्होंने इस चौंकाने वाले इस्तीफे देने की वजहों के बारे में फिलहाल कोई खुलासा नहीं किया है लेकिन इतना कहा कि अब वह पीएम मोदी का बोझ और नहीं ढोना चाहते। इसके साथ ही उनके अपनी पत्नी के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे है।
इसी साल 28 अप्रैल को सिद्धू ने राज्यसभा में मनोनीत सदस्य के रूप में पंजाबी में शपथ ली थी। वहीं संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन उच्च सदन की कार्यवाही के दौरान उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
अपने इस्तीफे पर सिद्धू ने कहा, पंजाब के सारे रास्ते मेरे लिए बंद थे। सही-गलत की लड़ाई में तटस्थ नहीं रह सकता था। मैं पीएम मोदी के कहने पर राज्यसभा सांसद बना था, लेकिन ये बोझ और ढोना नहीं चाहता था।
गौरतलब है कि सिद्धू पार्टी से काफी दिनों से नाराज चल रहे थे, लेकिन मीडिया के सामने उन्होंने कभी भी खुलकर यह नहीं कहा था। इसके पहले बीजेपी की ओर से अमृतसर सीट से लोकसभा सांसद सिद्धू का टिकट 2014 आम चुनाव में काट दिया गया था। उनके बदले उस सीट से पार्टी के सीनियर नेता अरुण जेटली लड़े थे और हार गए थे। लोकसभा चुनाव के वक्त चर्चा थी कि टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहे सिद्धू आम आदमी पार्टी के संपर्क में हैं। सिद्धू को एंटी बादल नेता माना जाता है। अकाली दल से सिद्धू की तकरार हरियाणा चुनावों के दौरान भी दिखी थी।
वहीं, भगवंत मान का कहना है, ‘सिद्धू अक्सर बोलते रहते हैं कि मैं अकालियों के साथ नहीं जा सकता। अगर बीजेपी और अकाली ने पंजाब में हाथ मिलाया तो मैं बोलूंगा कि लोग आम आदमी पार्टी को वोट दें।’
फिलहाल राज्य में सभी पार्टियां चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई हैं। ऐसे में उनके आम आदमी पार्टी में जाने की चर्चा जोरों पर है। बताया जा रहा है कि सिद्धू अपनी पत्नी नवजोत कौर के साथ चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी में शामिल होंगे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह बात काफी समय से चल रही थी लेकिन कोई सहमति नहीं हो पाई थी।
सिद्धू के लिए पंजाब में अच्‍छी संभावना बन सकती है, लेकिन बीजेपी में रहते हुए नहीं। अकाली दल और अंदरूनी गुटबाजी के चलते बीजेपी में सिद्धू की तरक्‍की की संभावनाएं सीमित हैं। पर अगर वह आम आदमी पार्टी (आप) में जाते हैं तो उनके लिए संभावनाएं बेहतर हो सकती हैं। उन्‍हें मुख्‍यमंत्री का चेहरा बना कर आप चुनाव में उतर सकती है। सिद्धू भाषण देने में माहिर हैं और लोगों के बीच पहचाने चेहरा हैं। ऐसे में आप के लिए भी उन्‍हें चेहरा बनाना घाटे का सौदा साबित नहीं होगा।

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